{tab title=”English”}
Yaadon ke purane album mein
Chhupa ke rakkhe hain humne woh din
Hmm… gullak mein padi chawanni si
Bacha ke rakkhe hain humne woh din
Naa kisi manzil ki fikar thi
Zindagi jeene ki umar thi
Dosti aur doston se udhaar ke din thhe
Woh din bhi kya din thhe
Wo o wo…
Woh din bhi kya din thhe
Wo o wo…
Woh din bhi kya din thhe…
Ooo…
Karna mana thhe kaam jo
Humne kiya har kaam woh
Hmm.. jinki nahi thi permission
Saare kiye intezam woh
Bedhab harqaton ke
Bhoot sar pe sawaar ke din thhe
Hadh karne ke yaaron
Aar ya phir paar ke din thhe
Woh din bhi kya din thhe
Wo o wo…
Woh din bhi kya din thhe
Wo o wo…
Hmm kharboojon ko kharboojon ki
Mili si sangat ke apne woh din
Jeevan pe chadhi jawaani ki
Nayi si rangat ke apne woh din
Yaad hai filmon ke puraane
R D Burman ke woh gaane
Band ke keyboard ke
Aur guitar ke din thhe
Woh din bhi kya din thhe
Wo o wo… (x4)
{tab title=”Hindi” open=”true”}
यादों के पुराने एल्बम में
छुपा के रखे हैं हमने वो दिन
हम्म.. गुल्लक में पड़ी चवन्नी सी
बचा के रखे हैं हमने वो दिन
ना किसी मंजिल की फिकर थी
ज़िन्दगी जीने की उम्र थी
दोस्ती और दोस्तों से उधार के दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे
वो ओ वो.. x 4
बिगड़े हुए इंसान थे
शैतान की संतान थे
हो.. लेकिन brother जो भी कहो
वो यार ही तो जान थे
कॉलेज की कुड़ी से
करने आँखें चार के दिन थे
आये ज़िन्दगी में पहले पहले
प्यार के दिन थे हेय..
वो दिन भी क्या दिन थे
वो ओ वो..
वो दिन भी क्या दिन थे
वो ओ वो..
वो दिन भी क्या दिन थे
ऊ..
करना मना थे काम जो
हमने किया हर काम वो
हम्म.. जिनकी नहीं थी परमिशन
सारे किये इंतेज़ाम वो
बेढ़ब हरक़तों के
भूत सर पे सवार के दिन थे
हद करने के यारों
आर या फिर पार के दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे
वो ओ वो..
वो दिन भी क्या दिन थे
हिंदी ट्रैक्स
वो ओ वो..
हम्म खरबूजों को खरबूजों की
मिली सी सांगत के अपने वो दिन
हो.. जीवन पे चढ़ी जवानी की
नई सी रंगत के अपने वो दिन
याद है फिल्मों के पुराने
R D Burman के वो गाने
बैंड के कीबोर्ड के
और गिटार के दिन थे
वो दिन भी क्या दिन थे
वो ओ वो.. x 4
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