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अब मैंकह करू कित जाऊ
मैं कह करू कित जाऊ
अब मैंकह करू कित जाऊ
मैं कह करू कित जाऊ
अब मैंकह करू कित जाऊ
मैं कह करू कित जाऊ
छूट गया छूट गया
छूट गया सब साथ सहारा
अपने भी कर गए किनारा
छूट गया सब साथ सहारा
अपने भी कर गए किनारा
इक बाज़ी में सब कुछ हरा
आशा हरी हिम्मत हारी
अब्ब क्या दानव लागौ
मैं कह करू कित जाऊ
अब मैंकह करू कित जाऊ
मैं कह करू कित जाऊ
जो पौधा सींचा मुरझाया
टूट गया जो महल बनाया
जो पौधा सींचा मुरझाया
टूट गया जो महल बनाया
बुझ गया जो भी दिया जलाया
मन अँधियारा जग अँधियारा
ज्योत कहा से लाऊ मैं
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