{tab title=”English”}
काले-काले बादल जब भी छायेंगे
ये दिन प्यारे-प्यारे याद आयेंगे
ओ गोरी, क्या बोली मन की बीणा छेड़ी रे
गुन-गुन करते भँवरे जब भी गायेंगे
ये दिन प्यारे-प्यारे याद आयेंगे
काले-काले बादल…
मीठे झरनों का पानी
छेड़े नयी-सी कहानी
वादियों पे लगा पंछियों का मेला
मुझसे पूछे घड़ी-घड़ी ये सुहानी बेला
तेरे साथ है ये कौन अलबेला
ओ गोरी क्या बोली मन की दुनिया डोली रे
मौसम ये बहारें जब भी लायेंगे
ये दिन प्यारे प्यारे…
काजल भेद तेरा खोले
बिंदिया चुपके से ये बोले
है हसीना तू थोड़ी से दीवानी
दिल ही दिल में ये सोचे फ़िज़ा मस्तानी
होगी किसके तू ख़्वाबों की रानी
मिलते हैं जो साथी याद नहीं उनकी जाती
हम चाहे जहाँ भी चले जायेंगे
ये दिन प्यारे प्यारे प्यारे…
{/tabs}