{tab title=”English”}
O Saathi Re Din Dube Naa
O Saathi Re Din Dube Naa
Aa Chal Din Ko Roke, Dhup Ke Pichhe Daude
Chhaanv Chhuye Naa, O Saathi Re
O Saathi Re Din Dube Naa
Aa Chal Din Ko Roke, Dhup Ke Pichhe Daude
Chhaanv Chhuye Naa, O Saathi Re
O Saathi Re Din Dube Naa
Kabhi Kabhi Yu Karna, Main Daantu Aur Tum Darna
Ugal Pade Aankhose Finke Paani Ka Jharna
Tere Kahre Badan Me Sil Jaaungi Re
Jab Karvat Lega Chhil Jaaungi Re
Sang Le Jaaunga
Teri Meri Angni Mangni, Ang Sang Laagi Sangni
Sang Le Jaau, O Pihu Re
O Saathi Re Din Dube Naa
Aa Chal Din Ko Roke, Dhup Ke Pichhe Daude
Chhanv Chhue Naa, O Saathi Re
{tab title=”Hindi” open=”true”}
ओ साथी रे दिन डूबे ना
आ चल दिन को रोकें
धूप के पीछें दौड़ें, छाँव छुए ना
ओ साथी रे…
थका-थका सूरज जब नदी से होकर निकलेगा
हरी-हरी काई पे, पाँव पड़ा तो फिसलेगा
तुम रोक के रखना, मैं जाल गिराऊँ
तुम पीठ पे लेना, मैं हाथ लगाऊँ
दिन डूबे ना हाँ
तेरी मेरी अट्टी-बट्टी
दांत से काटी कट्टी
रे जईयो ना
ओ पीहू रे
ओ पीहू रे, ना जईयो ना
कभी-कभी यूँ करना, मैं डांटूं और तुम डरना
उबल पड़े आँखों से मीठे पानी का झरना
तेरे दोहरे बदन में, सिल जाऊँगी रे
जब करवट लेगा, छिल जाऊँगी रे
संग ले जाऊँगा
तेरी मेरी अंगनी-मंगनी, अंग संग लागी संगनी
संग ले जाऊँ, ओ पीहू रे
ओ साथी रे…
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