Song Title Song)
{tab title=”Hindi”}
आ लेके चलूं तुझको ऐसे देश में
मिलती है जहाँ ख़ुशियाँ परियों के भेष में
मिलती है जहाँ ख़ुशियाँ परियों के भेष में
परियों के भेष में
आ लेके चलूँ तुझको..
हो चाँद चाहे आधा हो फिर भी रौशनी
हो चाँद चाहे आधा हो फिर भी रौशनी
उम्मीद जो ना छुटे हर बात है बनी
रातों के सुर से निकले सुबह की रागिनी
लोरी तुझको सुनाऊँ
लोरी तुझको सुनाऊँ
बचपन की एक मैं
लोरी तुझको सुनाऊँ
बचपन की एक मैं
मिलती है जहाँ ख़ुशियाँ परियों के भेष में
परियों के भेष में
आ लेके चलूँ तुझको..
मैं आसमां को खिडकियों से घर में लायी हूँ
मैं आसमां को खिडकियों से घर में लायी हूँ
सारे के सारे तारे यहाँ चुनके लायी हूँ
सपनों में रंग मन के यूँही भरते आई हूँ
हर दर्द भूल जाऊं
हर दर्द भूल जाऊं
यूँही खेल खेल में
हर दर्द भूल जाऊं
यूँही खेल खेल में
मिलती है जहाँ ख़ुशियाँ परियों के भेष में
परियों के भेष में
आ लेके चलूँ तुझको..
देना तू मन की शक्ति मालिक मेरे मुझे
देना तू मन की शक्ति मालिक मेरे मुझे
मेरी कथा व्यथा है सब पता तुझे
मैं जब भी डगमगाऊँ तू थाम लो मुझे
छोड़े हैं सपने सारे
तेरी देख रेख में
छोड़े हैं सपने सारे
तेरी देख रेख में
मिलती है जहाँ ख़ुशियाँ परियों के भेष में
मिलती है जहाँ ख़ुशियाँ परियों के भेष में
परियों के भेष में
आ लेके चलूँ तुझको..
{tab title=”English”}
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