{tab title=”English”}
Ik Ladaki Bhigi-bhaagi Si
Soti Raato Ko Jaagi Si
Mili Ik Ajanabi Se
Ko_i Aage Na Pichhe
Tum Hi Kaho Ye Ko_i Baat Hai
Tan Bhigaa Hai Sar Gilaa Hai
Us Kaa Ko_i Pech Bhi Dhilaa Hai
Tan To Jhukati
Chalati Rukati
Nikali Vo Andheri Raato Me
Mili Ik Ajanabi Se
Ko_i Aage Na Pichhe
Tum Hi Kaho Ye Ko_i Baat Hai
Ik Ladaki
{tab title=”Hindi” open=”true”}
इक लड़की भीगी-भागी सी
सोती रातों को जागी सी
मिली इक अजनबी से
कोई आगे न पीछे
तुम ही कहो ये कोई बात है
दिल ही दिल में जली जाती है
बिगड़ी बिगड़ी चली आती है
मचली मचली घर से निकली
पगली सी काली रात में
मिली इक अजनबी से
कोई आगे न पीछे
तुम ही कहो ये कोई बात है
इक लड़की …
डगमग डगमग लहकी लहकी
भूली भटकी बहकी बहकी
बलखाती हुई, इठलाती हुई
सावन की सूनी रात में
मिली इक अजनबी से
कोई आगे न पीछे
तुम ही कहो ये कोई बात है
इक लड़की …
तन भीगा है सर गीला है
उस का कोई पेच भी ढीला है
तनती झुकती
चलती रुकती
निकली अंधेरी रात में
मिली इक अजनबी से
कोई आगे न पीछे
तुम ही कहो ये कोई बात है
इक लड़की …
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