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Om Bhur Bhurwasw Tats Witur Vareniyam
Bhargo Dewasya Dhi Mahi Dhiyo Yonha Parchodayat
Gaytri Ke Maha Mantar Se Jiwan Ke Sab Pap Haro
Gaytri Ke Maha Mantar Se Jiwan Ke Sab Pap Haro
Sundar Sukhi Banega Jiwan Gaytri Ka Jap Karo
Om Bhur Bhurwasw Tats Witur Vareniyam
Bhargo Dewasya Dhi Mahi Dhiyo Yonha Parchodayat
Om Bhur Bhurwasw Tats Witur Vareniyam
Bhargo Dewasya Dhi Mahi Dhiyo Yonha Parchodayat
Om Bhur Bhurwasw Tats Witur Vareniyam
Bhargo Dewasya Dhi Mahi Dhiyo Yonha Parchodayat
Om Bhur Bhurwasw Tats Witur Vareniyam
Bhargo Dewasya Dhi Mahi Dhiyo Yonha Parchodayat
Ye Tarak Mantar Hai Mangal Kre Sadh Budhi Dene Wala
Har Sadhak Ke Jiwan Me Naw Jyoti Jagane Wala
Sab Kashto Ko Mitane Wala Karo Sadhna Tan Man Se
Dur Sabhi Santap Karo Sundar Sukhi Banega Jiwan
Gaytri Ka Jap Karo
Om Bhur Bhurwasw Tats Witur Vareniyam
Bhargo Dewasya Dhi Mahi Dhiyo Yonha Parchodayat
Om Bhur Bhurwasw Tats Witur Vareniyam
Bhargo Dewasya Dhi Mahi Dhiyo Yonha Parchodayat
Om Bhur Bhurwasw Tats Witur Vareniyam
Bhargo Dewasya Dhi Mahi Dhiyo Yonha Parchodayat
Om Bhur Bhurwasw Tats Witur Vareniyam
Bhargo Dewasya Dhi Mahi Dhiyo Yonha Parchodayat
ऑम भुर भुर्वास्व तत्स वितुर वरेण्यम
भर्गो देवस्य थी मही धियो योन्ह पर्चोदयात
गावत्ञी के महा मंत्र से जीवन के सब पाप हरो
गाय्ञी के महा मंत्र से जीवन के सब पाप हरो
सुंदर सुख्ती बनेगा जीवन गायत्ली का जाप करो
ओम भुर भुर्वास्व तत्स वितुर वरेण्यम
भर्गो देवस्य थी मही धियो योन्ह पर्चोदयात
ऑम भुर भुर्वास्व तत्स वितुर वरेण्यम
देवस्थ धी मही धियो योन्ह पर्चोदयात
ऑम भुर भुर्वास्व तत्स वितुर वरेण्यम
भर्गो देवस्य थी मही धियो योन्ह पर्चोदयात
ऑम भुर भुर्वास्व तत्स वितुर वरेण्यम
भर्गो देवस्य थी मही धियो योन्ह पर्चोदयात
ये तारक मंत्र हैं मंगल करे सद बुद्धि देने वाला
हर साधक के जीवन में नव ज्योति जगाने वाला
सब कष्टों को मिटाने वाला करो साधना तन मन से
दूर सभी संताप करो कुंदर सुखी बनेगा जीवन
गावक्ली की जाप करो
ऑम भुर भुर्वास्व तत्स वितुर वरेण्यम
भर्गो देवस्य थी मही धियो योन्ह पर्चोदयात
ऑम भुर भुर्वास्व तत्स वितुर वरेण्यम
भर्गो देवस्य थी मही धियो योन्ह पर्चोदयात
ऑम भुर भुर्वास्व तत्स वितुर वरेण्यम
भर्गो देवस्य थी मही धियो योन्ह पर्चोदयात
ऑम भुर भुर्वास्व तत्स वितुर वरेण्यम
भर्गो देवस्य थी मही धियो योन्ह पर्चोदयात
वेदों ने इसको गाया क्रषि ने अपनाया
अवतारी पुरुषों ने भी शर्धा से
वे शीश झकाया सबने वंचित फल पाया
कलयुग में भी इसे सुमर कर सब इसका अभिशाप करो
सुंदर सुख्ती बनेगा जीवन गायत्ली का जाप करो
ऑम भुर भुर्वास्व तत्स वितुर वरेण्यम
भर्गो देवस्य थी मही धियो योन्ह पर्चोदयात
ऑम भुर भुर्वास्व तत्स वितुर वरेण्यम
भर्गो देवस्य थी मही धियो योन्ह पर्चोदयात
ऑम भुर भुर्वास्व तत्स वितुर वरेण्यम
देवस्थ धी मही धियो योन्ह पर्चोदयात
ऑम भुर भुर्वास्व तत्स वितुर वरेण्यम
देवस्य थी मही धियो योन्ह पर्चोंदयात
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