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जिन्हे इश्क़ मोहब्बत प्यार कहे
वो रोग क्यों अच्छे लगते है
जिन्हे इश्क़ मोहब्बत प्यार कहे
वो रोग क्यों अच्छे लगते है
जिन्हे इश्क़ मोहब्बत प्यार कहे
वो रोग क्यों अच्छे लगते है
जो दिल को बहुत तड़पाते है
जो दिल को बहुत तड़पाते है
वो लोग क्यों अच्छे लगते है
जिन्हे इश्क़ मोहब्बत प्यार कहे
वो रोग क्यों अच्छे लगते है
आँखे जुगनु बदन शरारा
पानी में भी तन अंगारा
जब से तेरी लगन लगी है
जाने कैसी ागन जगी है
नूरानी है ये रूप मेरा
पानी में जैसे जलते है
जो दिल को बहुत तड़पाते है
वो लोग क्यों अच्छे लगते है
जिन्हे इश्क़ मोहब्बत प्यार कहे
वो रोग क्यों अच्छे लगते है
ये ख़ामोशी ये तन्हाई
उसपे ज़ालिम ये अंगड़ाई
अब क्या कहना अब क्या सुनना
तुहि जाने क्या है करना
दिलवाले तो इस आलम में
मासूम खटाये करते है
जो दिल तो बहुत तड़पाते है
वो लोग क्यों अच्छे लगते है
जिन्हे इश्क़ मोहब्बत प्यार कहे
वो रोग क्यों अच्छे लगते है
जिन्हे इश्क़ मोहब्बत प्यार कहे
वो रोग क्यों अच्छे लगते है
वो रोग क्यों अच्छे लगते है
वो रोग क्यों अच्छे लगते है.
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