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Milte Hi Nazar Tumse Ham Ho Gaye Diwane
Milte Hi Nazar Tumse Ham Ho Gaye Diwane
Aagaz To Acha Hai Anzam Khuda Jane
Milte Hi Nazar Tumse Ham Ho Gaye Diwane
Aagaz To Acha Hai Anzam Khuda Jane
Milte Hi Nazar Tumse Ham Ho Gaye Diwane
Anzam-e-mohabbat Se Tum Ho Abhi Begane
Anzam-e-mohabbat Se Tum Ho Abhi Begane
Sholo Se Uljhate Ho Haye Diwane Ho Diwane
Anzam-e-mohabbat Se Tum Ho Abhi Begane
मिलते ही नजर तुमसे
हम हो गये दीवाने -२
आगाज तो अच्छा है
अंजाम खुदा जाने हये
मिलते ही नजर तुमसे
हम हो गये दीवाने
(अंजाम ए मोहब्बत से
तुम हो अभी बेगाने) -२
शोलों से उलझते हो
दीवाने हो दीवाने हये
अंजाम ए मोहब्बत से
तुम हो अभी बेगाने
(तुम हुस्न मुजस्सिम हो
रंगीन कयामत हो) -२
फूल जुल्फों मे चुने
माँग भरी तारों से
रंग मिलता है
दहकते हुये अंगारों से
मस्त आँखो से गुमाँ होता है मयखानो का
हर नजर में है नशा सैकड़ों पैमानों का
(जाने क्या हुस्न के जलवो में नजर आता है
अरे देखने बालों का ईमान चला जाता है) -२
इसी लिये तो कहा था
(तुम हुस्न मुजस्सिम हो
रंगीन कयामत हो) -२
अरे वाह रंगीन कयामत हो
(बैठे है मुकाबिल में हम तीरे नजर ताने) -२
आगाज तो अच्छा है
अंजाम खुदा जाने हये
मिलते ही नजर तुमसे
हम हो गये दीवाने
(नादान हो जानो क्या
तुम हुस्न की फितरत को) -२
जो घटाओं की तरह
शानों पे लहराती है
हाँ वही जुल्फें कभी
नाग भी बन जाती है
आँखें मयखाने है लेकिन
इन्ही मयखानों में
जहर पीने की जगह
होता है पैमानौ में
(जब्ज के पाँव ना हो
जिसमें वो इन्सान ही क्या
इक नजर में जो चला जाये
वो ईमान ही क्या) -२
नादान हो जानो क्या
तुम हुस्न की फितरत को
हये नादान हो जानो क्या
तुम हुस्न की फितरत को
हये हये तुम हुस्न की फितरत को
तुम हुस्न की फितरत को
(अंदाज ही देखे है
तेवर नहीं पहचाने) -२
शोलों से उलझते हो
दीवाने हो दीवाने हये
अंजाम ए मोहब्बत से
तुम हो अभी बेगाने
हये मिलते ही नजर तुमसे
हम हो गये दीवाने
अजी मिलते ही नजर तुमसे
हम हो गये दीवाने
(अंजाम ए मोहब्बत से
तुम हो अभी बेगाने) -२
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