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O Yaaron Maaf Karna Kuch Kehene Aaya Hu
Kuch Apne Baare Mein Samjhane Aaya Hu
O Yaaron Maaf Karna Kuch Kehene Aaya Hu
Kuch Apne Baare Mein Samjhane Aaya Hu
Main Hu Pardesi Naujawaan Dil Me Rehane Aaya Hu
Dil Me Rehane Aaya Hu
O Yaaron Maaf Karna Kuch Kehene Aaya Hu
Kuch Apne Baare Mein Samjhane Aaya Hu
ओय ओय ओग मेरे ऐहले दवन , ओ तेरा क्या कहना
नपरीनों सनम , ओ तेरा क्या कहना
खुशबु-ऐ-चमन्, तेरा क्या कहना
मेरी गंगो नमन तेरा क्या कहना
ओय ओय ओय ऐ देश से आनेवाले बता
कैसा है मेरा मेहबुब वतन
क्या अब भी वहाँ खलीवयानों में,
सब नीम के नीचे सोते हैं
क्या अब भी वहाँ बच्पनवाले,
वो खेल सुहाने होते हैं
क्या अब भी वहाँ रानारानी के,
किस्से बड़े सुनाते हैं
क्या अब भी वहाँ पर बच्चों को,
माँ लोरी गा के सुनाती है
क्या अब भी वहाँ बैसाखी में,
सब झूमके मंगल पांदे हैं
ओय ओय ओय कया अब भी वहाँ बरावों,
में सब वाधे ढोल बनांदे हैं
ओय ओय ओगय क्या अब भी वहाँ के,
ढाबों में मीलती है मकके दी रोटी
ओयव ओय ओय क्या अब भी वहाँ के मेलों में,
उड़ती हैं हँसों की चोटी
बेरे देश की माटी की वहीं खुधबू लाया हूँ,
वही खुशबू लाया हूँ
ओ यारो माफ़ करना कुछ कहने आया हूँ
कुछ अपने बारे में समझाने आया हूँ
ऐ मेरे वतन कुबान
वु मेरी आन व वई, तु मेरी धान वई वई
तु मेरी नान वई वई, तुलझ्मपे ्क़ुबान वई वई
मेरा अरमान वई वई, मेरी पहचान वई वई
मेरा ईमान वईई वह, तुझऐ क्ुबान वर्ड वई
कया अब भी मुहब्बत की लहरे उठती है चनाब के पानी से
क्या अब भी सुरुर छलकता है मदमस्त हवा की रवानी से
क्या अब भी वहाँ पे गालीब मीर की गनले गाई नाती हैं
क्या अब भी वहाँ ऐ मस्तानी महफ़ीलें सनाड़ नाती हैं
कया अब भी वहाँ की ईढदो मे आती हैं सेवाड़यो की खुशबू
क्या अब भी वहाँ त्योहारों लगते हैं वो मेले हार्सु
क्या अब भी वहाँ शादी मे दुल्हे का सेहरा गाता है
क्या अब भी वहाँ खुशाली मे घर घर लड्डु भिन्वावे है
बू लगा ले गले मुझको मै भी तेरा साया हूँ
ओ यारो माफ़ करना कुछ कहने आया हूँ
कुछ अपने बारे में समझाने आया हूँ
में हूँ परदेसी नैनवान, दिल में रहने आया हूँ
आओआओआ आ आ……..
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