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सावन का मस्त महीना हैं
सावन का मस्त महीना हैं
क्या सागर हैं क्या मीना हैं
ये पीना भी कोई पीना हैं
पीना हैं पीना हैं
पीना हैं तो मुंह से लगाकर
बोतल पीने दे दारु
दे दादा ओ मेरे भैया रे दे दारु
दे दारु बोतल से पीने दे दारु
अरे बड़े दिनों के
बाद मिली हैं ये दारु
अरे होश रहे न
बाकी साक़ी दे दारु
ओ मेरे भैया दे दारु
ये अंदर बाहर होने दो
हमें हंसाने दो हमें रोने दो
सब भेद करम खुल जा ेंगे
सब भेद करम खुल जा ेंगे
सब काँटे पे तुल जा ेंगे
हम बुरे सही पर अच्छे हैं
क्योंकि हम दिल के सच्चे हैं
अरे झूठ कहें तो जान हमारी
ले दारु ो मेरे भैया दे दारु
ओने पेग तवो पेज थ्री पेग फोर पेग
हम पैग पीकर होश में आए हैं
हाँ अब हम जोश में आए हैं
पानी में आग मिलाइ हैं
कुछ गर्मी खून में आई हैं
मस्ती सर चढ़के बोलेगी
अब गोरी घूँघट खोलेगी
वो हाथ किसी के पड़े नहीं
हम बड़े दिनों से लड़े नहीं
अरे आज किसी को मारेंगे दे दारु
अरे देता जा दारु रे
ओ मेरे भैया दे दारु.
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