{tab title=”English”}
Zindagi Ittafaaq Hai, Zindagi Ittafaaq Hai
Kal Bhi Ittafaaq Thi, Aaj Bhi Ittafaaq Hai
Zindagi Ittafaaq Hai
Jaam Pakad Badha Ke Haath Maang Dua Ghate Na Raat
Jaan-e-vafa Teri Qasam Kahte Hai Dil Ki Baat Ham
Gar Koyi Mel Ho Sake Aankho Ka Khel Ho Sake
Apne Ko Khush Nasib Jaan Vaqt Ko Meharabaan Maan
Milte Hai Dil Kabhi-kabhi Varna Hai Ajnabi Sabhi
Mere Hamdam Mere Meharabaan
Har Khushi Ittafaaq Hai, Har Khushi Ittafaaq Hai
Kal Bhi Ittafaaq Thi, Aaj Bhi Ittafaaq Hai
Zindagi Ittafaaq Hai
Koi To Baat Kijiye Yaaro Ka Saath Dijiye
Kabhi Gairo Se Bhi Apno Ka Gumaan Hota Hai
Kabhi Apne Bhi Najar Aate Hai Begaane Se
Kabhi Khwabo Me Chamakte Hai Muraado Ke Mahal
Kabhi Mahalo Me Ubhar Aate Hai Viraane Se
Koi Rut Bhi Sada Nahi Kya Hoga Kuch Pata Nahi
Gum Fizul Hai Gum Na Kar Aaj Ka Jashn Kam Na Kar
Mere Hamdam Mere Meharabaan
Har Khushi Ittafaaq Hai
Kal Bhi Ittafaaq Thi, Aaj Bhi Ittafaaq Hai
Zindagi Ittafaaq Hai
Khoye Se Ho Kyu Is Kadar Dhundhti Hai Kise Najar
Aaj Maalum Hua Pehle Ye Maalum Na Tha
Chahte Badh Ke Pashemaan Bhi Ho Jaati Hai
Dil Ke Daaman Se Lipatati Hui Rangin Najare
Dekhte Dekhte Anjaan Bhi Ho Jaati Hai
Dekhte Dekhte Anjaan Bhi Ho Jaati Hai
Yaad Jab Ajnabi Bane Yaad Jab Berukhi Bane
Dil Pe Seh Ja Gila Na Kar Sabse Haskar Mila Najar
Mere Hamdam Mere Meharabaan
Dosti Ittafaaq Hai
Kal Bhi Ittafaaq Thi, Aaj Bhi Ittafaaq Hai
Zindagi Ittafaaq Hai
{tab title=”Hindi” open=”true”}
ज़िन्दगी इत्तिफ़ाक़ है
कल भी इत्तिफ़ाक़ थी, आज भी इत्तिफ़ाक़ है
ज़िन्दगी इत्तिफ़ाक़ है…
जाम पकड़, बढ़ा के हाथ, माँग दुआ, घटे न रात
जान-ए-वफ़ा, तेरी क़सम, कहते हैं दिल की बात हम
ग़र कोई मेल हो सके, आँखों का खेल हो सके
अपने को ख़ुशनसीब जान, वक़्त को मेहरबान मान
मिलते हैं दिल कभी-कभी, वरना हैं अजनबी सभी
मेरे हमदम, मेरे मेहरबाँ
हर ख़ुशी इत्तिफ़ाक़ है
कल भी इत्तिफ़ाक़ थी, आज भी इत्तिफ़ाक़ है
ज़िन्दगी इत्तिफ़ाक़ है…
हुस्न है और शबाब है, ज़िन्दगी क़ामयाब है
बज़्म यूँ ही खिली रहे, अपनी नज़र मिली रहे
रंग यूँ ही जमा रहे, वक़्त यूँ ही थमा रहे
साज़ की लय पे झूम ले, ज़ुल्फ़ के ख़म को चूम ले
मेरे किये से कुछ नहीं, तेरे किये से कुछ नहीं
मेरे हमदम, मेरे मेहरबाँ
ये सभी इत्तिफ़ाक़ है
कल भी इत्तिफ़ाक़ थी, आज भी इत्तिफ़ाक़ है
ज़िन्दगी इत्तिफ़ाक़ है…
कोई तो बात कीजिये, यारों का साथ दीजिये
कभी गैरों के भी अपनों का गुमां होता है
कभी अपने भी नज़र आते हैं बेगाने से (वाह वाह!)
कभी ख़्वाबों में चमकते हैं मुरादों के महल
कभी महलों में उभर आते हैं वीराने से
कोई रुत भी सदा नहीं, क्या होगा भी कुछ पता नहीं
गम फिज़ुल है, गम ना कर, आज का जश्न कम ना कर
मेरे हमदम, मेरे मेहरबां
हर खुशी इत्तिफ़ाक़ है
कल भी इत्तिफ़ाक़ थी, आज भी इत्तिफ़ाक़ है
ज़िन्दगी इत्तिफ़ाक़ है…
खोये से क्यूँ हो इस कदर, ढूंढती है किसे नज़र
आज मालूम हुआ, पहले ये मालूम न था
चाहतें बढ़ के, पशेमान भी हो जाती हैं (अच्छा?)
दिल के दामन से लिपटती हुई रंगीं नज़रें
देखते-देखते अन्जान भी हो जाती हैं
देखते-देखते अन्जान भी हो जाती हैं
यार जब अजनबी बने, यार जब बेरुखी बने
दिल पे सह जा, गिला न कर, सबसे हँसकर मिला नज़र
मेरे हमदम, मेरे मेहरबाँ
दोस्ती इत्तिफ़ाक़ है
कल भी इत्तिफ़ाक़ थी, आज भी इत्तिफ़ाक़ है
ज़िन्दगी इत्तिफ़ाक़ है…
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