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अंगना में बाबा दुआरे पे माँ
कैसे आएं गोरी हम तुम्हरे घर मां
खेत गए बाबा बाज़ार गई माँ
अकेली हूँ घर मां तू आ जा बालमा
घर मां जो अइवें तो हमैं क्या खिलइवे
गरम गरम हलवा और पूरी पकइवे
नरम नरम हाथों से खा जा बालमा
अंगना में बाबा …
हलवा पूरी खइवे तो निंदिया न सतइवे
निंदिया में तोहरे लिए आंचल बिछइवे
सिजिया की किस्मत जगा जा बालमा
खेत गए बाबा …
क्या होगा बाज़ार से माँ जो आई
कह दूंगी माँ ये है तेरा जमाई
हाथ मेरा मांगने को आ जा बालमा
अंगना में बाबा …
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