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इन पंछियों को देख कर
जागे हैं ये अरमाँधरती पे हम चलते हैं पर
छू लेंगे आसमाँ
इन पंछियों को…
ये बताओ ज़रा, हम पंखों बिना
जायेंगे कैसे दूर वहाँ
कुछ भी हो सकता है
कुछ भी हो जायेगा
हम इतने नहीं नादां
इन पंछियों को…
देखते जाओ तुम, ऐसा भी एक दिन
एक दिन तो ज़रूर आएगा
हम से इस दुनिया में, एक दिन हर कोई
जब हाथ मिलाएगा
गले से लगा लेंगी तुमको ख़ुशी
बदल जाएगी एक दिन ज़िन्दगी
ये क़दमों में झुक जायेगा आसमाँ
तुम जैसा कोई भी ना होगा यहाँ
इन पंछियों को..
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