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Satyabhama Aur Rukmini Rani, Dono Krishn Ki Thi Deewaani
Bhaama Agni Ka Angaara, Rukmini Shital Jal Ki Dhaara
Wo Puja Ke Phul Chadhati, Yeh Paayal Ke Geet Sunaati
Kanhaiya O Kanhaiya Koyi Murali Ki Taan Suna De
Mere Tann Mann Me Aag Laga De, Laga De
Kanhaiya O Kanhaiya Koyi Murali Ki Taan Suna De
Mere Tann Mann Me Aag Laga De, Laga De
Kanhaiya O Kanhaiya
Aa Aa Aa Aa Aa
Main Hi Tohe Dekhu Sawariya, Dekhe Na Koyi Duji Najariya
Main Hi To Hu Teri Bawariya
Main Hi Sunu Bas Tori Basuriya Bansi Bajaiya
Kanhaiya O Kanhaiya Koyi Murali Ki Taan Suna De
Mere Tann Mann Me Aag Laga De, Laga De
Kanhaiya O Kanhaiya
सत्यभामा और रुक्मिणी रानी दोनो कृष्ण की थी दीवानी
भामा अग्नि का अंगारा, रुक्मिणी शीतल जल की धारा
ओ पूजा के फूल चढ़ाती, यह पायल के गीत सुनाती
कन्हैया ओ कन्हैया कोई मुरली की तां सुना दे
मेरे तंन मॅन में आग लगा दे, लगा दे
कन्हैया ओ कन्हैया कोई मुरली की तां सुना दे
मेरे तंन मॅन में आग लगा दे, लगा दे
कन्हैया ओ कन्हैया
आ आ आ आ आ
मैं ही तोहे देखु सवारिया, देखे ना कोई दूजी नज़रिया
मई ही तो हू तेरी बावारिया मई ही सुनू बस टोरी बसुरिया बंसी बजाईया
कन्हैया ओ कन्हैया कोई मुरली की तां सुना दे
मेरे तंन मॅन में आग लगा दे, लगा दे
कन्हैया ओ कन्हैया
जन्म दिवस रुक्मिणी का आया, सजनी ने साजन को बुलाया
व्याकुल नैना बात निहारे, आज मेरे घर नाथ पधारे
मैं नही जाने दूँगी कान्हा, मैं ना सुनूँगी कोई बहाना
प्रिय किसिका मॅन ना तोडो, देखो, सुनो, जाने दो, छ्चोड़ो
नारायण, नारायण, बात हुई क्या कृष्ण मुरारी
क्यूँ रूठी है सुंदर नारी
अच्च्चे समय पर आप पधारे, विपदा में है प्राण हमारे
रुक्मिणी कहे मेरे संग आओ, भामा कहे नाथ मत जाओ
जिसका निमंत्रण आया पहले, भगवान जाए उसके महले
नारद जी, नारायण
रुक्मिणी के संग चले कन्हाई, भामा को यह बात ना भाई
नारायण, क्यूँ बैठी हो खोई खोई, मेरे योगया है सेवा कोई
भरे नही अभी घाव पुराने, फिर आए हो आग लगाने
मैं सबका सेवक तुम जानो, चाहे परखलो जो ना मानो
कोई उपाय आप बताए, वो सौतन के घर ना जाए
अक्चा तो एक व्रत रखोगी, अपने पति का दान करोगी
वा वा ढूनदा खूब उपाय, आपसे तो बस राम बचाय
निस दिन देखु जिनके सपने, खो बैठू वो प्रीतम अपने
तुम नही समझी कैसा खोना, उनके बराबर टोलके सोना
मोल भ्रमण को देना, मोहन को वापस ले लेना
बस इतना ही, आप करे व्रत की तैयारी, भामा जीती रुक्मिणी हारी
परंतु कृष्ण है भारी जितना, तेरे पास है सोना इतना
वा नारद जी, सोने के भंडार जो खोलू, एक नही सौ कृष्ण मैं टोलू
नारायण नारायण
कुच्छ धोका है राम दुहाई, इतनी भारी नही कन्हाई
यह तेरा सोना नकली है, मेरा मनमोहन असली है
मेरे पास जो था ले आई, दे दो मुझको कृष्ण कन्हाई
दे डू लेके जरासा सोना, मोहन है या कोई खिलौना
चल तुझको संसार में बेचु, दासो के बाज़ार में बेचु
लो यह तंबूरा बंसी बजाईया, पाकड़ो यह करतल कन्हैया
भामा स्वामी, कैसा स्वामी, किसका स्वामी, स्वामी की हो गयी नीलामी, नीलामी
सुनो सुनो आई जानेवालो है यह सस्ता माल उतालो
सुनो सुनो आई जानेवालो है यह सस्ता माल उतालो
सबकी मॅन की आस मैं बेचु, कैसा सुंदर दस मैं बेचु
जीवन की नैया का खिवैया, इसका नाम है कृष्ण कन्हैया
इसका नाम है कृष्ण कन्हैया
मैं पड़ती हू पाँव तुम्हारे, नागरी नागरी द्वारे द्वारे
मुझको यू बदनाम करो ना, श्याम को तुम नीलाम करो ना
अपना घर जो आप जलाए, उसकी बिगड़ी कौन बनाए
भूल हुई मुझसे यह भारी, जाो कहा विरहा की मारी
रुक्मिणी से तुम बात यह पूछो, कैसे मिलेंगे नाथ यह पूछो
रुक्मिणी मेरी भूल भुला दे, कोई जतन कर कृष्ण मिला दे
आ भामा मैं तुझपे वारी, तू है मेरे कृष्ण की प्यारी
क्या यह दुख केवल तेरा है, जो तेरा है वो मेरा है
ना माया से, ना शक्ति से, भगवान मिलते है भक्ति से
कन्हैया कन्हैया कन्हैया कन्हैया
कन्हैया कन्हैया कन्हैया कन्हैया
पाट मेरी रखो मेरे बंसी बजाईया कन्हैया कन्हैया कन्हैया कन्हैया
जीवन दो पलाड़ू का तराजू, एक में जाग सारा, एक में बस तू
जाग हल्का तू भारी बंसी बजाईया, कन्हैया कन्हैया कन्हैया कन्हैया
पाट मेरी रखो मेरे बंसी बजाईया
ना माया से, ना शक्ति से, भगवान मिलते है भक्ति से
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