{tab title=”English”}
Unke Nashe Mein Unke Nashe Mein
Jalte Rahe Jalte Rahein
Unke Nashe Mein Jalte Rahein
Hay Unke Nashe Mein Jalte Raheein
Ladakhadaye, Ladakhadaye Kabhi
Kabhi Sambhalte Rahe
Subah Se Lekar Sham Tak Unka Juban Pe Nam Tha
Jaise Badali Ko Sawan Se
Sawan Ko Badali Se Kam Tha
Dil Mein To Unse Taraste Rahe
Ladakhadaye, Ladakhadaye Kabhi
Kabhi Sambhalte Rahe
Mera Unka Jhagda Tha
Par Unse Main Yeh Keh Na Saka
Mera Unka Jhagda Tha Par Unse
Main Yeh Keh Na Saka
Meri Khata Thi Meri Saja Thi
Mai Sar Pe Judai Seh Na Saka
Yaado Se Hum Unki Ladte Rahe
Ladakhadaye, Ladakhadaye Kabhi
Kabhi Sambhalte Rahe
Andhera Ya Tu Pi Ke
Pine Wale Na Dudh Pite Hain
Ho Inaki Khata Nahi Koyi
Yahi Hai Kasoor Ke Pite Hain
Wo Hum Ek Do Mein Hi Palate Rahein
Ladakhadaye, Ladakhadaye Kabhi
Kabhi Sambhalte Rahe
{tab title=”Hindi” open=”true”}
उनके नशे में, उनके नशे में
उनके नशे में, उनके नशे में
उनके नशे में जलते रहे
जलते रहे
उनके नशे में जलते रहे
हाय उनके नशे में जलते रहे
लड़खड़ाए
लड़खड़ाए कभी, कभी संभलते रहे
लड़खड़ाए कभी, कभी संभलते रहे
सुबह से लेकर शाम तक
उनका ज़ुबाँ पे नाम था
सुबह से लेकर, सुबह से लेकर
सुबह से लेकर शाम तक
उनका ज़ुबाँ पे नाम था
वो जैसे बदली को सावन से
वो जैसे बदली को सावन से
वो जैसे बदली को सावन से
सावन को बदली से काम था
मिलने को उनसे तरसते रहे
लड़खड़ाए…
मेरा उनका झगड़ा था
मेरा उनका झगड़ा था
मेरा उनका झगड़ा था
पर उनसे मैं ये कह न सका
मेरा उनका झगड़ा था
पर उनसे मैं ये कह न सका
मेरी खता थी, मेरी सज़ा थी
मेरी खता थी, मेरी सज़ा थी
मैं दर्द-ए-जुदाई सह ना सका
यादों से हम उनकी लड़ते रहे
लड़खड़ाए…
हो अंधेरा या नूर पीते हैं
पीने वाले ज़रूर पीते हैं
हो इनकी खता नहीं कोई
यही है कसूर की पीते हैं
हम मयकदों में पलते रहे
हम मयकदों में पलते रहे
लड़खड़ाए…
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